
Mercury EV-Tech Share Price, Future Growth & Investment Insights 2025
Mercury EV-Tech का सफर एक पारंपरिक मेटल ट्रेडिंग कंपनी से भारत की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता बनने की एक रोचक कहानी है। जुलाई 2025 में ₹48.55 के शेयर प्राइस और ₹922 करोड़ के मार्केट कैप के साथ, यह कंपनी भारतीय ईवी रिवोल्यूशन में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही है। हालांकि कंपनी के शेयर में वर्तमान में 32% की गिरावट देखने को मिली है, लेकिन इसके 3.2 GW बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट और व्यापक उत्पाद रेंज इसे भविष्य के लिए ए बनाते हैं।
Mercury EV-Tech: कंपनी का विकास और रूपांतरण
मर्क्यूरी मेटल्स से मर्क्यूरी ईवी–टेक तक का सफर
Mercury EV-Tech की स्थापना 4 जुलाई 1986 में हुई थी, मूल रूप से “मर्क्यूरी मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड” के नाम से । कंपनी का मुख्य व्यवसाय 2021-22 तक धातुओं का व्यापार था, लेकिन नई प्रबंधन टीम के आने के बाद कंपनी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में प्रवेश का निर्णय लिया। मार्च 2023 में कंपनी का नाम बदलकर “Mercury EV-Tech” कर दिया गया, जो कंपनी के नए विजन को दर्शाता है। यह परिवर्तन केवल नाम का नहीं था, बल्कि कंपनी के पूरे बिजनेस मॉडल का था।
वर्तमान कारोबारी मॉडल
कंपनी ने अपने आप को “वन-स्टॉप ईवी सोल्यूशन प्रोवाइडर” के रूप में स्थापित किया है । इसका मतलब यह है कि मर्क्यूरी ईवी-टेक केवल वाहन बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि:
- बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग (PowerMetz Energy के माध्यम से)
- चेसिस निर्माण
- मोटर कंट्रोलर उत्पादन
- CED कोटिंग प्लांट (गुजरात में पहला)
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट

Mercury EV-Tech की वित्तीय प्रदर्शन: राजस्व और लाभ की वृद्धि (FY22-FY25)
Mercury EV-Tech: उत्पाद पोर्टफोलियो
टू–व्हीलर सेगमेंट
Mercury EV-Tech का टू-व्हीलर सेगमेंट काफी मजबूत है और इसमें विभिन्न मॉडल शामिल हैं:
मर्क्यूरी ईजेड (Mercury EZ) – हाई स्पीड:
- रेंज: 150+ किमी प्रति चार्ज
- टॉप स्पीड: 60-80 किमी/घंटा
- बैटरी: 60V 40Ah
मर्क्यूरी डीएलएक्स (Mercury DLX):
- रेंज: 100+ किमी प्रति चार्ज
- टॉप स्पीड: 60-80 किमी/घंटा
- बैटरी: 72V, 43Ah
थंडरबोल्ट सीरीज:
यह कंपनी का फ्लैगशिप ब्रांड है जिसमें थंडरबोल्ट इलेक्ट्रा शामिल है, जिसकी कीमत ₹79,999 है और रेंज 120 किमी प्रति चार्ज है ।
कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट
मुशक मिनी ट्रक (Mushak Mini Truck):
- पेलोड कैपेसिटी: 1,050 किग्रा
- रेंज: 280-300 किमी प्रति चार्ज
- टॉप स्पीड: 60-80 किमी/घंटा
- कीमत: लगभग ₹1.2 लाख
वोल्टस ई–लोडर (Voltus E-Loader):
- रेंज: 180-200 किमी प्रति चार्ज
- चार्जिंग टाइम: 4 घंटे
स्पेशल्टी व्हीकल्स
कंपनी इलेक्ट्रिक विंटेज कारें, गोल्फ कार्ट्स, और कस्टम इलेक्ट्रिक व्हीकल भी बनाती है जो हॉस्पिटैलिटी, इंडस्ट्री, गोल्फ कोर्स, क्लब और रिसॉर्ट्स के लिए उपयुक्त हैं ।
Mercury EV-Tech: तकनीकी क्षमताएं और मैन्यूफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
3.2 GW बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट
अप्रैल 2025 में कंपनी ने अपनी सहायक कंपनी PowerMetz Energy के माध्यम से वडोदरा में 3.2 GW लिथियम-आयन बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी को कमीशन किया । यह फैसिलिटी भारत की सबसे उन्नत बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी में से एक है।
मुख्य विशेषताएं:
- मल्टी–केमिस्ट्री कैपेबिलिटी: LFP, NMC, सोडियम-आयन, और सुपरकैपेसिटर मॉड्यूल
- फुल्ली रोबोटिक प्रोडक्शन लाइन (चीन से आयातित उपकरण)
- पायलट प्रोडक्शन: मई 2025 से शुरू
CED कोटिंग प्लांट
Mercury EV-Tech के पास गुजरात का पहला और भारत का चौथा सबसे बड़ा CED (Cationic Electro Deposition) प्लांट है । यह प्लांट वाहनों के लिए बेहतर कोरोजन रेसिस्टेंस प्रदान करता है।
R&D और इनोवेशन सेंटर्स
कंपनी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर निम्नलिखित स्थानों पर हैं:
- वडोदरा, गुजरात (18 एकड़ में मुख्य R&D केंद्र)
- हैदराबाद, तेलंगाना (हाई-रेंज व्हीकल के लिए)
Mercury EV-Tech: वित्तीय प्रदर्शन: तेजी से बढ़ती कंपनी
शानदार ग्रोथ ट्रेजेक्टरी
मर्क्यूरी ईवी-टेक का वित्तीय प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक प्रभावशाली रहा है:
FY25 के मुख्य हाइलाइट्स:
- कुल राजस्व: ₹89.64 करोड़ (307% YoY वृद्धि)
- शुद्ध लाभ: ₹7.91 करोड़ (297% YoY वृद्धि)
- EBITDA मार्जिन: 9.06%
त्रैमासिक प्रदर्शन (Q4 FY25):
- राजस्व: ₹33.55 करोड़ (502% YoY वृद्धि)
- शुद्ध लाभ: ₹1.55 करोड़ (574% YoY वृद्धि)
मुख्य वित्तीय अनुपात
वर्तमान वित्तीय स्थिति:
- P/E रेशियो: 117-144 (अधिक वैल्यूएशन दर्शाता है)
- ROE: 2.73-4.42% (कम लेकिन सुधार की दिशा में)
- ROCE: 5.15%
- डेट टू इक्विटी: 0.02 (लगभग ऋण-मुक्त)
चिंता के विषय
उच्च डेट टू EBITDA अनुपात: 9.32 गुना, जो कंपनी की ऋण चुकाने की क्षमता के बारे में चिंता दर्शाता है ।
रिसीवेबल डेज: 157 दिन, जो काफी अधिक है और कैश फ्लो के लिए चुनौती बन सकता है ।
प्रबंधन टीम और नेतृत्व
मुख्य व्यक्तित्व
कविट जयेशभाई ठक्कर – पूर्व CEO और चेयरमैन:
- नवंबर 2024 में उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया
- वे कई अन्य कंपनियों के साथ भी जुड़े हुए हैं
डॉ. जयेश राईचंद ठक्कर – वर्तमान मैनेजिंग डायरेक्टर:
- Jay Group of Industries के चेयरमैन
- वडोदरा के प्रसिद्ध उद्यमी
- कई BSE सूचीबद्ध कंपनियों से जुड़े हुए हैं
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स
वर्तमान बोर्ड में शामिल हैं:
- मिकिल गोहिल – कंपनी सेक्रेटरी
- दर्शन शाह – एडिशनल डायरेक्टर
- दिनेशकुमार सिन्हा – इंडिपेंडेंट डायरेक्टर
Mercury EV-Tech: शेयर बाजार प्रदर्शन और निवेशक दृष्टिकोण
वर्तमान शेयर स्थिति (जुलाई 2025)
मुख्य आंकड़े:
- वर्तमान शेयर प्राइस: ₹48.55
- 52-सप्ताह हाई: ₹139.20
- 52-सप्ताह लो: ₹48.26
- मार्केट कैप: ₹922 करोड़
शेयर प्रदर्शन की चुनौतियां
हालिया गिरावट के कारण:
- 1 साल में 32% की गिरावट
- 52-सप्ताह के लो पर ट्रेडिंग
- उच्च वैल्यूएशन कंसर्न (P/E 117+)
- म्यूचुअल फंड्स की कम रुचि
तकनीकी विश्लेषण
तकनीकी संकेतक वर्तमान में “बेयरिश“ ट्रेंड दिखा रहे हैं:
- मूविंग एवरेजेस: सभी मुख्य MA के नीचे ट्रेडिंग
- RSI: 33-39 (न्यूट्रल से बेयरिश)
- MACD: नकारात्मक
प्रतिस्पर्धा और बाजार की स्थिति
मुख्य प्रतिस्पर्धी
भारतीय ईवी मार्केट में मर्क्यूरी के मुख्य प्रतिस्पर्धी हैं:
टू–व्हीलर सेगमेंट:
- ओला इलेक्ट्रिक: बाजार लीडर (E2W में)
- TVS मोटर्स: मजबूत उपस्थिति
- बजाज ऑटो: चेतक के साथ वापसी
कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट:
- महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी
- ऑटो रिक्शा सेगमेंट में अन्य खिलाड़ी
बाजार की संभावनाएं
भारतीय ईवी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है:
- 2025 में 40% वृद्धि की उम्मीद (1.38 लाख यूनिट्स)
- 2030 तक 7 लाख यूनिट्स का लक्ष्य
- E2W सेगमेंट में 19% YoY वृद्धि
Mercury EV-Tech: भविष्य की रणनीति और विस्तार योजनाएं
तत्काल योजनाएं
दक्षिण भारत में विस्तार:
- अतिरिक्त 3.2 GW बैटरी प्लांट की योजना
- 4-5 संभावित स्थानों का सर्वेक्षण पूरा
शोरूम विस्तार:
- भावनगर, गुजरात में नया शोरूम (जून 2025)
- अन्य शहरों में भी विस्तार की योजना
रणनीतिक पार्टनरशिप
SRBH मोटर्स के साथ MoU:
- कार्गो कंटेनर मैन्यूफैक्चरिंग
- वडोदरा में वार्षिक 700-800 कंटेनर उत्पादन
DC2 मर्क्यूरी कार्स:
- दिलीप छाब्रिया के साथ पार्टनरशिप
- e-TANQ: 180 kWh बैटरी के साथ आल-टेरेन व्हीकल
Mercury EV-Tech: जोखिम कारक और चुनौतियां
मुख्य जोखिम
वित्तीय जोखिम:
- उच्च वैल्यूएशन (P/E 117+)
- कम ROE (3-4%)
- हाई डेट टू EBITDA रेशियो
परिचालन जोखिम:
- तीव्र प्रतिस्पर्धा ईवी सेक्टर में
- प्रमोटर होल्डिंग में कमी (पिछले 3 साल में -5.92%)
- बैटरी सेफ्टी इश्यूज (इंडस्ट्री लेवल पर)
बाजार जोखिम:
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी
- सरकारी नीतियों में बदलाव
- कमोडिटी प्राइस वोलेटिलिटी
कंपनी की रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी
कंपनी ने व्यापक रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी अपनाई है जिसमें शामिल है:
- स्ट्रैटेजिक रिस्क्स
- फाइनेंशियल रिस्क्स
- ऑपरेशनल रिस्क्स
- IT और साइबर सिक्योरिटी रिस्क्स
हाल की उपलब्धियां और मान्यताएं
2025 की मुख्य घटनाएं
भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025:
- e-TANQ का अनावरण
- Europa मोबाइल शोरूम का प्रदर्शन
- E-रिक्शा L5 का अपग्रेडेड वर्जन
FII निवेश में वृद्धि:
- नवंबर 2024 तक FII होल्डिंग 1.72% तक बढ़ी
- 30 लाख अतिरिक्त शेयर की खरीदारी
सामाजिक उत्तरदायित्व और स्थिरता
पर्यावरणीय प्रतिबद्धता
Mercury EV-Tech “आत्मनिर्भर भारत” और सस्टेनेबल मोबिलिटी के लिए प्रतिबद्ध है । कंपनी का विजन है:
- शून्य एमिशन व्हीकल का उत्पादन
- रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग
- लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा
सामाजिक योगदान
कंपनी अपने 18 एकड़ के कार्पस में 1MW सोलर रूफटॉप लगाने की योजना बना रही है, जो जीरो इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट का लक्ष्य है ।
निवेश दृष्टिकोण: अवसर या जोखिम?
सकारात्मक पहलू
मजबूत ग्रोथ ट्रेजेक्टरी:
- 3-साल में 324% सेल्स CAGR
- लगभग ऋण–मुक्त बैलेंस शीट
- इंटीग्रेटेड ईवी सोल्यूशन प्रोवाइडर
तकनीकी क्षमताएं:
- 3.2 GW बैटरी प्लांट
- मल्टी–केमिस्ट्री बैटरी तकनीक
- इन–हाउस R&D केंद्र
चुनौतियां
उच्च वैल्यूएशन:
- P/E 117+ (इंडस्ट्री एवरेज से काफी अधिक)
- बुक वैल्यू से 3.33 गुना ट्रेडिंग
परिचालन मुद्दे:
- कम ROE (3-4%)
- हाई रिसीवेबल डेज (157 दिन)
- कोई लाभांश नहीं
निष्कर्ष: भविष्य की संभावनाएं
Mercury EV-Tech भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में एक इमर्जिंग प्लेयर है जिसने पिछले कुछ वर्षों में अपनी मजबूत तकनीकी क्षमताओं और इंटीग्रेटेड बिजनेस मॉडल के साथ अपनी पहचान बनाई है। कंपनी का 3.2 GW बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट और व्यापक उत्पाद रेंज इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाते हैं।
मुख्य निवेश पॉइंट्स:
पॉजिटिव:
- तेजी से बढ़ता ईवी मार्केट
- इंटीग्रेटेड बिजनेस मॉडल
- मजबूत तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर
- लगभग ऋण-मुक्त बैलेंस शीट
चुनौतियां:
- उच्च वैल्यूएशन
- तीव्र प्रतिस्पर्धा
- कम प्रॉफिटेबिलिटी रेश्योज
सुझाव: यह एक हाई रिस्क, हाई रिवार्ड इन्वेस्टमेंट है जो लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए उपयुक्त हो सकती है, लेकिन निवेश से पहले संपूर्ण रिस्क एसेसमेंट और प्रोफेशनल एडवाइस लेना आवश्यक है।
भारत सरकार के 2030 तक कार्बन न्यूट्रल के लक्ष्य और बढ़ती ईवी अडॉप्शन को देखते हुए, मर्क्यूरी ईवी-टेक जैसी कंपनियों के लिए भविष्य की संभावनाएं उज्ज्वल दिखती हैं, बशर्ते वे अपनी एक्जीक्यूशन क्षमता और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस में सुधार ला सकें।
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